Apj abdul kalam biography in Hindi | एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी इन हिंदी

Apj abdul kalam biography in Hindi :- दोस्तों आज इस लेख में हम एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी इन हिंदी, APJ Abdul Kalam biography in Hindi के बारे में बात करने वाले हैं इन सब के साथ ही हम एपीजे अब्दुल कलाम की बायोग्राफी तथा उनके जीवन परिचय और उन्होंने अपने जीवन में जो भी पुरस्कार प्राप्त किए हैं तथा जो भी किताबें उनके द्वारा लिखी गई हैं और उनके प्रारंभिक जीवन इन सब की चर्चा हम इस लेख के माध्यम से करेंगे इसलिए दोस्तों आप इस लेख में अंत तक जरूर बन रहे

दोस्तों एपीजे अब्दुल कलाम जो भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके थे उनको मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है उनकी जीवनी के बारे में हम इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक महान वैज्ञानिक थे तथा एपीजे अब्दुल कलाम को महान राजनीतिज्ञ के रूप में भी जाना जाता है एपीजे अब्दुल कलाम ने मिसाइल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इन सबके साथ ही एपीजे अब्दुल कलाम ने परमाणु हथियार कार्यक्रमों में भी अपनी ओर से संपूर्ण योगदान दिया था

एपीजे अब्दुल कलाम जिनको मिसाइल मैन की उपाधि प्राप्त हैं उनके जीवन के बारे में आज हम इस लेख में विस्तार पूर्वक जानने वाले हैं इसलिए दोस्तों आप यदि एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में जानने के इच्छुक है तो यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है बस इसलिए को आप अंत तक जरूर पढ़ें तभी जाकर आप एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तो चले दोस्तों अब हम बिना समय गवाएं इस लेख में आगे बढ़ते हैं

APJ Abdul Kalam biography in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम जिनको मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है उन्होंने भारत में परमाणु हथियारों के कार्यक्रम में अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी तथा एपीजे अब्दुल कलाम ने मिसाइल का निर्माण भी किया था और एपीजे अब्दुल कलाम परमाणु हथियारों के कार्यक्रम में भाग लेते थे इस कारण एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से भी नवाजा गया था एपीजे अब्दुल कलाम ने राजनीतिक में भी भाग लिया था तथा यह हमारे राष्ट्रपति भी रह चुके थे एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के लिए बहुत कम किया था एवं भारत की परमाणु ऊर्जा में एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी अपने कार्य को बहुत अच्छी तरह से संभाला था

APJ Abdul Kalam का प्रारंभिक जीवन

एपीजे अब्दुल कलाम जिनका पूरा नाम अबुल फकीर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम था एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के पिताजी का नाम जैनुलाब्दीन था एपीजे अब्दुल कलाम के पिताजी नावो को खरीदने का तथा उनका किराए पर देने का कार्य करते थे एपीजे अब्दुल कलाम के पिताजी अशिक्षित थे लेकिन वह अनपढ़ होने के बावजूद भी आम आदमी की सोच से कहीं ज्यादा ऊपर सोचा करते थे

एपीजे अब्दुल कलाम के पिताजी पैसों से धनी नहीं थे लेकिन अपने विचारों से बहुत ज्यादा धनी व्यक्ति थे और उन्होंने अपने सभी बच्चों को ऊंची से ऊंची शिक्षा दिलवाने का निर्णय लिया था एपीजे अब्दुल कलाम की माता जी का नाम आशिमा था उनकी माताजी एक घरेलू ग्रहणी के रूप में काम करती थी एपीजे अब्दुल कलाम के माता-पिता के एपीजे अब्दुल कलाम सहित कुल पांच बेटे एवं बेटियां थी एपीजे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन बहुत ही गरीबी में निकला था

अपनी गरीबी के कारण एपीजे अब्दुल कलाम ने प्रारंभ में बहुत कम उम्र में ही कार्य करना शुरू कर दिया था और उन्होंने सबसे पहले अखबारों को बेचने का काम किया था एपीजे अब्दुल कलाम ने स्कूल के समय अपनी पढ़ाई को बिल्कुल सामान्य रूप में रखा था लेकिन यह नई चीजों को सिखाने में काफी ज्यादा उत्साही रहते थे एपीजे अब्दुल कलाम घंटो-घंटो तक पढ़ाई करते रहते थे एपीजे अब्दुल कलाम को गणित विशेष सबसे ज्यादा पसंद था और उन्होंने गणित विषय को ही अपना मुख्य विषय माना था

APJ Abdul Kalam की प्रारंभिक शिक्षा

एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को अपने गांव से ही प्रारंभ किया था इन्होंने अपनी शिक्षा को Schwartz हायर सेकेंडरी स्कूल रामनाथपुरम से प्रारंभ किया था उसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी मैट्रिक की शिक्षा को तमिलनाडु से पूरा किया था जब एपीजे अब्दुल कलाम अपनी शिक्षा को स्कूल में ग्रहण करते थे तो उसे समय वह एक शिक्षक से काफी ज्यादा प्रभावित हुए थे और उनके इस शिक्षक का नाम अयादुरे सोलोमन था एपीजे अब्दुल कलाम का यह शिक्षक मानता था कि हमेशा व्यक्ति को अपनी ख्वाहिश तथा उम्मीद और यकीन इन तीनों को अपने जीवन में हमेशा रखना चाहिए

यदि व्यक्ति का अंदर यह तीनों हैं तो वह अपने मंजिल को आसानी से पा सकता है और इस प्रकार एपीजे अब्दुल कलाम ने इन तीनों मित्रों को मरते दम तक अपने जीवन में कायम रखा था डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने प्रारंभिक शिक्षा को पूरा किया था तो उसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने बीएससी की डिग्री भौतिक विज्ञान में प्राप्त की थी और उन्होंने यह डिग्री जोसेफ कॉलेज से प्राप्त की थी और इन्होंने यह डिग्री 1954 में प्राप्त की थी इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम 1955 में मद्रास चले गए थे क्योंकि एपीजे अब्दुल कलाम जी का सपना लड़ाकू पायलट बनना का था

उसके बाद में एपीजे अब्दुल कलाम ने इसकी शिक्षा ग्रहण करने के लिए इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था लेकिन इसमें उन्होंने नौवां स्थान हासिल किया था और इस जगह पर वह सफल नहीं हुए थे अपने इस शिक्षा को पूरी करने के बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने एक प्रोजेक्ट कार्य को आगे बढ़ाया था और उनको रॉकेट के मॉडल को बनाने का काम दिया गया था और उनको इस काम को पूरा करने का समय 3 दिन का दिया गया था और इसके साथ ही एपीजे अब्दुल कलाम को यह भी बोला गया था कि यदि वह इस काम को समय रहता नहीं कर पाते हैं तो उनको स्कॉलरशिप नहीं दी जाएगी

ऐसा सुनने के बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने रात दिन मेहनत करके भूखे प्यासे अपने इस लक्ष्य को 24 घंटे में ही पूरा कर लिया था और उन्होंने एक बहुत ही बेहतरीन रॉकेट का मॉडल तैयार किया था उसके बाद प्रोजेक्ट इंचार्ज को इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ था कि उन्होंने इस काम को इतना जल्दी ही पूरा कर लिया और उसके बाद जब प्रोजेक्ट इंचार्ज ने एपीजे अब्दुल कलाम के रॉकेट के मॉडल को देखा तो वह आश्चर्य चकित ही रह गया था इस प्रकार एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में जो भी चुनौतियां आई थी उनका डटकर सामना किया था

APJ Abdul Kalam का करियर

जब एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी स्नातक की पढ़ाई को पूरा किया था तो उसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में चले गए थे और वहां पर उन्होंने एक वैज्ञानिक की भूमिका निभाई थी और उन्होंने अपने कार्य की शुरुआत महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ की थी उसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम 1969 में इसरो में शामिल हो गए थे और इसरो में एपीजे अब्दुल कलाम ने परियोजना निदेशक के रूप में अपना पदभार संभाला था जब डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम इस पद पर कम कर रहे थे तो उसे समय 1980 में पृथ्वी की कक्षा पर भारत का प्रथम उपग्रह रोहिणी स्थापित किया गया था और इस प्रकार एपीजे अब्दुल कलाम का इसरो में शामिल होना बहुत सौभाग्य मान गया था और उनका उद्देश्य लगभग पूरा हो गया था

इसरो में शामिल होने से पहले एपीजे अब्दुल कलाम ने अमेरिका के संगठन नासा का दौरा भी किया था उन्होंने यह दौरा 1963 से 64 में किया था महान वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने जब पहला परमाणु परीक्षण किया था तो इस परीक्षण को करने के लिए उन्होंने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को ही बुलाया था और उन्होंने इस कार्य को सफलतापूर्वक किया था और उसके बाद ही वह प्रसिद्ध वैज्ञानिक बन गए थे इस प्रकार भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को गुप्त कार्य करने के लिए अनुमति प्रदान की थी वह भी बिना किसी कैबिनेट मंजूरी के

APJ Abdul Kalam का राष्ट्रपति का सफर

एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने कार्य में जो सफलता प्राप्त की और उन्होंने जो उपलब्धि प्राप्त की उसके कारण एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की जो सरकार हैं उसके द्वारा उनको 2002 में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना दिया गया था उसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने विपक्ष लक्ष्मी सहगल को हरा दिया था एपीजे अब्दुल कलाम ने इनको भारी मतों से हराया था उसके बाद 25 जुलाई 2002 को एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति के रूप में चुना गया एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे

एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति नहीं बने थे उसके पहले ही उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था अब्दुल कलाम तीसरे राष्ट्रपति थे जिनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था इसके पहले डॉक्टर जाकिर हुसैन तथा डॉक्टर राधाकृष्णन को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया था राष्ट्रपति के बाद डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम कई सारी शैक्षणिक संस्थानों में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में सूचना प्रौद्योगिकी के रूप में काम किया था

एपीजे अब्दुल कलाम युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करते थे एपीजे अब्दुल कलाम ने युवाओं को सफल बनाने में अनेक प्रयास किए थे तथा उनके भविष्य को और भी बेहतरीन बनाने के लिए भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा बहुत प्रयास किए गए थे डॉक्टर अब्दुल कलाम का सपना था कि वह भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कर दे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को M T V Youth icon off the year से दो बार नवाजा गया था

APJ Abdul Kalam द्वारा लिखी किताबें

डॉक्टर अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में अपने विचारों के माध्यम से चार किताबें लिखी थी जिनके नाम निम्न प्रकार से हैं

  • india 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
  • माय जर्नी
  • इग्नाइटिक माइंड्स
  • अनलिशिंग द पावर विदीन इंडिया

वर्ष 2011 में एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर एक फिल्म भी बनाई गई थी जिसका नाम I am Kalam रखा गया था इस फिल्म के माध्यम से एपीजे अब्दुल कलाम के जो भी सकारात्मक विचार हैं उनको चित्रित किया गया है और इसमें एक गरीब लड़का होता है और इसमें वह अपना नाम कलाम रखता है और भी बहुत कुछ इस फिल्म में बताया गया है

APJ Abdul Kalam का निधन

एपीजे अब्दुल कलाम जिनको मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था इनको 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अटैक आ गया था उनकी जब 84 साल की उम्र थी अटैक आने के बाद यह वहीं पर ही बेहोश हो गए थे उसके बाद 2 घंटे के बाद ही एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु हो गई थी और अंत में उनके गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार किया गया था और वहां पर लगभग 3 लाख लोग आए थे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके अंतिम शव यात्रा में शामिल हुए थे

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FAQ :-

एपीजे अब्दुल कलाम को किस नाम से जाना जाता है?

एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने थे?

एपीजे अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 को भारत के राष्ट्रपति बने थे।

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के कौन से राष्ट्रपति बने थे?

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने थे।

एपीजे अब्दुल कलाम का निधन कब हुआ था?

एपीजे अब्दुल कलाम का निधन कार्डियक अटैक के कारण 27 जुलाई 2015 को हुआ था।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था?

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वर गांव में हुआ था।

अंतिम शब्द :-

उम्मीद करता हूं दोस्तों आपको APJ Abdul Kalam biography in Hindi, एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी इन हिंदी बहुत पसंद आई होगी क्योंकि हमने आपको यहां पर बिल्कुल आसान शब्दों में बता दि हैं दोस्तों इस बायोग्राफी को पढ़ने के बाद आप एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में सब कुछ जान जाएंगे इनको आप सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करें

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