गांधी जी का जीवन परिचय हिंदी में | Gandhi ji ka jivan Parichay Hindi mein

Mahatma Gandhi biography in Hindi :- दोस्तों आज हम महात्मा गांधी बायोग्राफी इन हिंदी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में, महात्मा गांधी का जीवन परिचय इन हिंदी,गांधी जी का जीवन परिचय हिंदी में के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करने वाले हैं महात्मा गांधी भारत के इतिहास के सबसे महान व्यक्ति में से एक हैं यह हमेशा सत्य और अहिंसा की राह पर चले थे इन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ काफी लड़ाई लड़ी थी भारत को आजादी दिलाने में महात्मा गांधी की अहम भूमिका थी महात्मा गांधी के विचारों से मार्टिन लूथर किंग तथा नेल्सन मंडेला कॉफी प्रभावित हुए थे

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बोला जाता है तथा इनका बापू के नाम से भी पुकारा जाता है महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर हर वर्ष पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती मनाई जाती हैं दोस्तों आज इस आर्टिकल के माध्यम से महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जाएगा तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़कर महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में को आसानी से जान पाएंगे तो चलिए दोस्तों अब हम महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में के बारे में जान लेते हैं।

महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन

भारत को आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले महान व्यक्ति महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में एक मध्यम वर्गीय परिवार में माना जाता है इनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था महात्मा गांधी की माता एक पारंपरिक हिंदू महिला एवं धार्मिक प्रवृत्ति की महिला मानी जाती थी महात्मा गांधी अपने प्रारंभिक जीवन में राजा हरिश्चंद्र नाटक से काफी प्रभावित हुए थे महात्मा गांधी राजा हरिश्चंद्र की सच्चाई को देखकर कष्ट कर जिंदगी से सफलतापूर्वक कैसे निकले थे इनसे भी महात्मा गांधी काफी प्रभावित हुए थे और इसी कारण से महात्मा गांधी ने राजा हरिश्चंद्र के मार्ग को अपनाया था।

महात्मा गांधी का वैवाहिक जीवन

महात्मा गांधी की आयु जब मात्र 13 वर्ष की थी तब इनका विवाह कस्तूरबा गांधी के साथ कर दिया गया था कस्तूरबा गांधी के पिता का नाम गोकुलदास माखन था और यह एक धनी व्यक्ति थे कस्तूरबा गांधी का जब महात्मा गांधी के साथ विवाह हुआ था तो उस समय तक तो कस्तूरबा गांधी ने कोई पढ़ाई नहीं की थी लेकिन शादी के बाद महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी को पढ़ाना शुरू कर दिया था जब महात्मा गांधी के विवाह को दो वर्ष हुए थे तो उसके बाद 1885 ईस्वी में महात्मा गांधी जी के पिताजी की मृत्यु हो जाती है

और उनके 1 वर्ष बाद जब महात्मा गांधी की पहली संतान होती है तो दुर्भाग्यवश उसकी भी मृत्यु हो जाती है महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी भी एक अत्यंत धर्म परायण महिला मानी जाती थी लेकिन गांधी जी के विचारों से कस्तूरबा गांधी काफी प्रभावित हुई थी और इसी कारण से जातिय भेदभाव करना छोड़ दिया था महात्मा गांधी तथा कस्तूरबा गांधी ने कुल चार पुत्र को जन्म दिया था जिनके नाम हरिलाल, रामदास ,मणिलाल ,देवदास था।

महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा

महात्मा गांधी ने अपनी शिक्षा की शुरुआत पोरबंदर गुजरात से ही शुरू की थी महात्मा गांधी की खेलों के प्रति बिल्कुल भी रुचि नहीं थी बचपन से ही महात्मा गांधी अकेला रहना पसंद करते थे 1887 में महात्मा गांधी ने दसवीं कक्षा को राजकोट हाई स्कूल से पास किया था उसके बाद यह सामल दास महाविद्यालय में पढ़ने चले गए थे लेकिन महात्मा गांधी ने वहां पर पढ़ाई का माहौल बिल्कुल भी नहीं देखा था पिताजी की मृत्यु होने के बाद गांधी जी की पढ़ाई को उनके बड़े भाई लक्ष्मी दास ने ही आगे जारी रखा था

वकालत की पढ़ाई करने के लिए महात्मा गांधी को लंदन तथा इंग्लैंड भेजा गया था मात्र 18 वर्ष की आयु में ही 4 सितंबर 1888 को यह साउथथेम्पटन चले गए थे शुरुआत में तो महात्मा गांधी ने अपने दिन बड़ी कठिनाई से गुजारे थे अपने पढ़ाई को पूरी करने के बाद महात्मा गांधी राजकोट आए थे और कुछ दिन यहीं पर रहे थे लेकिन उसके बाद महात्मा गांधी ने मुंबई में वकालत करने का निर्णय लिया था लेकिन मुंबई में तो महात्मा गांधी को सफलता नहीं मिली थी लेकिन फिर से महात्मा गांधी ने वकालत करने की सोची थी और उनके परिवार वालों ने भी इनका पूरा सहयोग किया था।

महात्मा गांधी के सत्याग्रह की शुरुआत

महात्मा गांधी के द्वारा दक्षिण अफ्रीका में बहुत सारे सफल आंदोलन किय थे और इन सभी आंदोलन के कारण ब्रिटिश सरकार ने जो दमनकारी नीतियां अपना रखी थी उनको बदलने के लिए मजबूर कर दिया था उनके आंदोलन की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में हो गई थी 1915 ई को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे दक्षिण अफ्रीका से आने के बाद महात्मा गांधी लगभग एक वर्ष तक पूरे भारत में घूमे थे और लोगों के हाल-चाल सुने थे उसके बाद महात्मा गांधी ने साबरमती नदी के किनारे अपना एक आश्रम बनाया था जिसका नाम सत्याग्रह आश्रम रखा गया था और उसके बाद महात्मा गांधी जी के द्वारा 1917 में अंग्रेजों के खिलाफ बिहार के चंपारण नामक स्थान पर पहला सत्याग्रह आंदोलन चलाया गया था

इसी आंदोलन के कारण जो किसान नील की खेती करते थे उनको हो रहे शोषण से मुक्ति हुई थी इस आंदोलन के बाद गांधी जी ने सदा वल्लभभाई पटेल के साथ मिलकर गुजरात के खेड़ा नामक स्थान पर 1918 ईस्वी में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था इस आंदोलन के माध्यम से किसानों की भू राजस्व माफ करने की मांग इसी आंदोलन के माध्यम से रखी गई थी और अंत में ब्रिटिश सरकार ने महात्मा गांधी का सरदार वल्लभभाई पटेल की मांग को स्वीकार कर लिया गया था और किसानों को भु राजस्व से मुक्ति दिलाई थी।

महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन

महात्मा गांधी के द्वारा असहयोग आंदोलन की शुरुआत 1920 ई. में की गई थी इस आंदोलन का लक्ष्य ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करना था इस आंदोलन के माध्यम से जो लोग ब्रिटिश हुकूमत में काम करते थे तो उन्होंने यह नौकरी भी छोड़ दी थी छात्र स्कूल तथा कॉलेज जाने से इनकार कर रहे थे इसी आंदोलन के माध्यम से विदेशी कपड़ों का भी बहिष्कार किया गया था लोग अपने घर पर ही चरखा बना कर कपड़े बनाने लगे थे गांधी जी ने अपने बात को यंग इंडिया तथा नवजीवन नामक समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई थी।

दांडी मार्च यात्रा की शुरुआत

गांधी जी ने दांडी यात्रा की शुरुआत 12 मार्च 1930 को की थी इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य नमक कर का विरोध करना था गांधी जी ने इस यात्रा की शुरुआत साबरमती आश्रम से की थी इस यात्रा के बाद गांधी जी को गिरफ्तार किया था और गांधी जी के साथ अन्य क्रांतिकारियों को भी जेल में बंद कर दिया था लेकिन फिर भी यह यात्रा तथा आंदोलन समाप्त नहीं हुआ था 26 जनवरी 1931 को महात्मा गांधी के साथ अन्य क्रांतिकारियों को भी जेल से रिहा कर दिया गया था।

महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत

1942 ईस्वी में महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी और यहीं से ब्रिटिश शासन को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया था ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध महात्मा गांधी ने अनेक लड़ाइयां लड़ी थी तथा अनेक आंदोलन भी महात्मा गांधी के द्वारा चलाए गए थे और उसी के बाद 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से हमारा देश आजाद हुआ था।

महात्मा गांधी की मृत्यु

भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी एक दिन जब दिल्ली में स्थित बिड़ला मंदिर में प्रार्थना करके बाहर निकले थे तो नाथूराम गोडसे के द्वारा गांधी जी के सीने पर गोलियां चला दी थी और जिस के कारण गांधी जी की मृत्यु हो गई थी और मृत्यु के समय उनके मुख से सिर्फ हे राम शब्द निकला था।

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महात्मा गांधी की प्रमुख पुस्तक

  • दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह
  • हिंद स्वराज
  • गीताबोध
  • स्वराज्य की ओर
  • सत्य के प्रयोग
  • व्यक्तिगत सत्याग्रह
  • अहिंसा के प्रथम चरण
  • मेरे सपनों का भारत

FAQ :-

महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ था?

महात्मा गांधी का जन्म 2 october 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था‌।

महात्मा गांधी के माता-पिता का नाम क्या था?

महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था।

महात्मा गांधी की पत्नी का नाम क्या था?

महात्मा गांधी की पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था जो एक धनी परिवार से निवास करती थी उनके विवाह तक तो यह अनपढ़ थी लेकिन बाद में गांधी जी के द्वारा इनको पढ़ाया लिखाया गया था।

महात्मा गांधी के बारे में बताओ?

महात्मा गांधी भारत इतिहास के महान क्रांतिकारी नेताओं में से एक माने जाते हैं इन्होंने भारत को आजाद करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी महात्मा गांधी के बारे में ऊपर आर्टिकल के माध्यम से हमने पूरी जानकारी आपको दे दी है तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़कर महात्मा गांधी के बारे में संपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।

महात्मा गांधी की प्रमुख पुस्तकें कौन-कौन सी हैं?

महात्मा गांधी ने अनेक पुस्तकों की रचना की थी जिनके बारे में हमने ऊपर आर्टिकल के माध्यम से बता दिया है तो आप ऊपर जाकर महात्मा गांधी के प्रमुख पुस्तकों के बारे में जान सकते हैं।

अंतिम शब्द :-

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