डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय कक्षा 12

डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय :- दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय, हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय, हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय इन हिंदी जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हमारे देश में अनेक साहित्यकारों ने जन्म लिया था और हजारी प्रसाद द्विवेदी जी भी एक महान साहित्यकार थे इनको महान साहित्यकार माना जाता है इनके द्वारा हिंदी साहित्य की महान सेवा की गई थी आज इन्हीं के बारे में हम इस लेख में विस्तार पूर्वक चर्चा करने वाले हैं हजारी प्रसाद द्विवेदी एक कुशाग्र बुद्धि के व्यक्ति माने जाते हैं हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का पारिवारिक जीवन सुख एवं संपन्न माना जाता था

हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के द्वारा ज्योतिषी की शिक्षा उत्तराधिकार में ही प्राप्त कर ली गई थी इनके द्वारा अपने जीवन में अनेक निबंधकार तथा उपन्यास एवं हिंदी साहित्य में अनेक रचनाएं की गई थी आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय के बारे में विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं इसलिए दोस्तों यदि आप हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें तो चलिए दोस्तों अब हम हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से जान लेते हैं।

हजारी प्रसाद का प्रारंभिक जीवन

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हजारी प्रसाद एक महान हिंदी साहित्यकार माने जाते हैं और इनके द्वारा हिंदी साहित्य में अनेक रचनाएं भी की गई थी इनका जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया नामक जिले में मई 1907 ई को माना जाता है इनका परिवार सरयूपारीण ब्राह्मण था इनके द्वारा हिंदी भाषा में बहुत सारे श्रेष्ठ निबंधों की रचना भी की गई थी

और इन्हीं के साथ ही इन्होंने उपन्यास की भी रचना की थी इनके पिताजी का नाम पंडित अनमोल द्विवेदी था जो कि संस्कृत भाषा के तथा ज्योतिषी के प्रकांड विद्वान माने जाते थे हजारी प्रसाद द्विवेदी की माता का नाम श्रीमती ज्योति कली देवी था इनके द्वारा अशोक के फूल, बाणभट्ट की आत्मकथा आदि की रचनाएं भी की गई थी।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की प्रारंभिक शिक्षा

जैसा कि हमने आपको हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रारंभिक जीवन के बारे में बताया अब हम इनकी प्रारंभिक शिक्षा के बारे में भी इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपनी शिक्षा की शुरुआत अपने गांव के एक मिडिल स्कूल से ही शुरू की थी उसके बाद यह ज्योतिषाचार्य तथा इंटर आदि की परीक्षाओं को पास करने के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिल हो गए थे

हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने आगे की शिक्षा को भी इसी विश्वविद्यालय से पुरी की थी हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के द्वारा ज्योतिष शास्त्र में शास्त्राचार्य की उपाधि भी ग्रहण की गई थी हजारी प्रसाद द्विवेदी के द्वारा संस्कृत की शिक्षा तथा ज्योतिषी की शिक्षा तो अपने माता-पिता से ही प्राप्त कर ली गई थी इनके द्वारा हिंदी भाषा का तथा संस्कृत भाषा का गहन अध्ययन किया गया था।

हजारी प्रसाद द्वारा किए गए कार्य

हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के द्वारा अपने जीवन में बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य किए गए थे जिनके बारे में भी हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी को प्राप्त करेंगे हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर किए गए कार्य निम्न प्रकार से हैं –

  • इनके द्वारा जब शिक्षा प्राप्त कर ली गए थे तो इनको 1930 ईस्वी में शांतिनिकेतन में संस्कृति तथा हिंदी भाषा का प्राध्यापक नियुक्त किया गया था।
  • उसके बाद हजारी प्रसाद द्विवेदी जी को 1950 ईस्वी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग का प्रोफेसर तथा अध्यक्ष बनाया गया था।
  • इसके अलावा यह पंजाब विश्वविद्यालय तथा शांतिनिकेतन इन सब में हिंदी विभाग के अध्यक्ष भी रह चुके थे।
  • उसके बाद हजारी प्रसाद द्विवेदी 1958 ई को राष्ट्रीय ग्रंथ न्यास के सदस्य चुने गए थे।
  • इन्होंने काफी वर्षों तक काशी नागरी प्रचारिणी सभा के उपसभापति के रूप में भी काम किया था और यह इस सभा के संपादक भी रहे थे।
  • भारत सरकार के द्वारा हिंदी संबंधित जो भी योजनाएं लागू की जाती थी तो इनका दायित्व इनके द्वारा किया जाता था।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की प्राप्त उपाधि तथा पुरस्कार

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के द्वारा अनेक पदों पर काम भी किया गया था लेकिन इनको जीवन में उपाधि तथा पुरस्कार सब कुछ दिए गए थे हजारी प्रसाद द्विवेदी जी को 1940 ईस्वी में लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वारा डी० लिट० उपाधि दी गई थी और उसके बाद हजारी प्रसाद द्विवेदी को 1957 ईस्वी में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था हजारी प्रसाद द्विवेदी जी को कबीर नामक कृती में मंगला प्रसाद पारितोषिक भी प्राप्त हुआ था हजारी प्रसाद द्विवेदी जी को साहित्य समिति इंदौर के द्वारा सूर साहित्य पर स्वर्ण पदक दिया गया था।

हजारी प्रसाद द्विवेदी जी द्वारा रचित रचनाएं

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के द्वारा अनेक रचनाएं की गई थी इन्होंने कविता तथा नाटक के क्षेत्र में काम नहीं किया था बल्कि इनके द्वारा अनेक ग्रंथों की रचना की गई थी जो कि निम्न प्रकार से हैं –

  • अशोक के फूल
  • कुटज
  • विचार और वितर्क
  • विचार प्रवाह
  • कल्प लता

प्रमुख उपन्यास

  • बाणभट्ट की आत्मकथा
  • पूनर्नवा अनामदास का पोथा
  • चारु- चंद्र लेख

आदि इन सब की रचना हजारी प्रसाद द्विवेदी के द्वारा की गई थी।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की मृत्यु

हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने जीवन में हिंदी साहित्य में अनेक रचनाओं की थी तथा यह हिंदी तथा संस्कृत भाषा के एक महान विद्वान भी माने जाते थे यह ज्योतिषी के प्रकांड विद्वान भी थे उनकी मृत्यु 19 में 1979 ई को दिल्ली में हुई थी।

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FAQ :-

हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म कब माना जाता है?

हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म May 1907 ई को उत्तर प्रदेश के बलिया नामक स्थान पर माना जाता है।

हजारी प्रसाद द्विवेदी के माता-पिता का नाम क्या था?

हजारी प्रसाद द्विवेदी के माता का नाम श्रीमती ज्योति कली देवी तथा पिता का नाम पंडित अनमोल द्विवेदी था।

हजारी प्रसाद द्विवेदी के महत्वपूर्ण कार्य क्या है?

हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने जीवन में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था जिसकी जानकारी हमने आपको ऊपर इस आर्टिकल के माध्यम से दे दी हैं तो आप ऊपर इस लेख को पढ़कर हजारी प्रसाद द्विवेदी के महत्वपूर्ण कार्य के बारे में जान सकते हैं।

हजारी प्रसाद द्विवेदी की महत्वपूर्ण रचनाएं कौन सी हैं?

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कविता तथा नाटक पर कोई काम नहीं किया था इनके द्वारा अनेक ग्रंथों की रचना की गई थी जिसकी जानकारी हमने ऊपर आर्टिकल के माध्यम से दे दी है तो आप ऊपर जाकर इनकी महत्वपूर्ण रचनाओं को अवश्य पढ़ें।

अंतिम शब्द :-

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