दोस्तों आज हम महावीर स्वामी का जीवन परिचय इन हिंदी, mahaveer Swami ka jivan Parichay in Hindi, mahaveer Swami biography in Hindi, महावीर स्वामी बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में बात करने वाले हैं दोस्तों महावीर स्वामी को जैन समाज के 24वें तीर्थंकर माने जाते हैं तीर्थंकर का मतलब होता है वह इंसान जो इंसान के रूप में भगवान होता है अर्थात जो व्यक्ति भगवान की तपस्या करके एवं भगवान का ध्यान करते हुए भगवान बनता है उसे ही तीर्थंकर कहा जाता है और महावीर स्वामी भी तीर्थंकर से काम नहीं थे
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई इनके दर्शन कर लेता है तो उसे गीता के ज्ञान का दर्शन हो जाता है महावीर स्वामी ने अपने जीवन के 30 साल अपने परिवार के साथ बिताए थे लेकिन उसके बाद महावीर स्वामी ने 30 साल की उम्र में गृह त्याग कर दिया था और लगभग 12 साल तक महावीर स्वामी ने तपस्या की थी और भगवान का ध्यान किया था और उसके बाद महावीर स्वामी ने पूरे भारत देश में लगभग 30 सालों तक अपना समय जैन धर्म के प्रचार प्रसार में लगाया था
इस कारण से महावीर स्वामी को जैन समाज के 24वें तीर्थंकर माना जाता है इसलिए दोस्तों आज हम इस लेख में महावीर स्वामी का जीवन परिचय इन हिंदी, महावीर स्वामी बायोग्राफी इन हिंदी, महावीर स्वामी का जीवन परिचय इन सबकी जानकारी आज हम इस लेकर माध्यम से विस्तार पूर्वक करने वाले हैं इसलिए दोस्तों आप इस लेख में अंत तक बन रहे और महावीर स्वामी का जीवन परिचय इन हिंदी के बारे में जानकारी को अवश्य प्राप्त करें
Mahaveer Swami ka jivan Parichay in Hindi
Name | महावीर स्वामी |
Father name | सिद्धार्थ |
Mother name | त्रिशला |
Wife name | यशोदा |
Birth | 599 ईसा पूर्व |
Birth place | कुंडल ग्राम में |
Son | प्रिय दर्शना |
Dynasty | इक्ष्वाकु |
Death | 527 ईसा पूर्व |
Death place | पावापुरी बिहार |
महावीर स्वामी का शुरुआती जीवन
भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व का माना जाता है इनका जन्म चैत्र महीने के 13वे दिन शुक्ल पक्ष को माना जाता है भगवान महावीर के पिताजी का नाम राजा सिद्धार्थ था तथा माता जी का नाम रानी त्रिशला था कुछ व्यक्ति भगवान महावीर स्वामी जी के जन्म को क्षत्रिय कुंड राज्य में मानते हैं जब राजा सिद्धार्थ की पत्नी रानी त्रिशला के गर्भ में महावीर स्वामी थे तो उस समय रानी त्रिशला ने जैन ग्रंथ में 14 प्रकार के सपनों के बारे में पढ़ाई की थी क्योंकि जो भी इन 14 सपनों को पड़ता है उसके एक महान पुत्र का जन्म होता है
भगवान महावीर स्वामी के माता-पिता जी पार्श्वनाथ जी के परम भक्त थे महावीर स्वामी जी जिनका वास्तविक नाम वर्धमान था इन्होंने अपने परिवार को काफी मुश्किल हालातो से बाहर निकाला था क्योंकि यह एक बहादुर बालक थे वर्धमान बचपन में बहुत शांत रहा करते थे और इन्होंने अपना जीवन एक साधारण के रूप में व्यतीत किया था जबकि यह एक राजकुमार थे अपनी माता-पिता की इच्छा अनुसार महावीर स्वामी जी ने अपनी शादी यशोदा से की थी और इनके एक बेटी भी हुई थी जिसका नाम प्रिय दर्शना था
Mahaveer Swami जी द्वारा किए गए त्याग
महावीर स्वामी जी के माता-पिता की मृत्यु जब महावीर स्वामी जी की आयु 28 साल की थी तब ही हो गई थी अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद राजगद्दी को इनके बड़े भाई के द्वारा संभाल गया था उसके बाद वर्धमान ने अपने बड़े भाई से बोला था कि मैं अब घर को छोड़कर जाना चाहता हूं लेकिन उनके बड़े भाई इस बात से सहमत नहीं हुए थे और उन्होंने वर्धमान जी से बहुत मन भी किया था
लेकिन वर्धमान जी नहीं माने और माता-पिता की मृत्यु के 2 साल बाद वर्धमान जी ने घर का त्याग कर दिया था और अपने घर से दूर रहकर एक वन में निवास करने लग गए और तपस्या करने लग गए तथा भगवान में ध्यान करने लग गए थे जब भगवान महावीर स्वामी अपने घर को त्याग कर वन की तरफ प्रस्थान कर रहे थे तो उस समय उन्होंने अपने मुंह से नमो सिद्धाणं बोला था तथा भगवा रंग के कपड़े पहने थे
भगवान Mahaveer Swami की तपस्या एवं सर्वज्ञता
महावीर स्वामी जी ने लगभग 12 साल तक तप किया था और उन्होंने अपने जीवन में 12 साल के तप के बाद ही शांति प्राप्त की थी महावीर स्वामी जी ने इस तपस्या के दौरान अपने गुस्से पर काबू पाना भी सीख लिया था और हर एक प्राणी के साथ महावीर स्वामी जी ने अहिंसा की नीति अपनाई थी महावीर स्वामी जी अलग-अलग जगह पर जाकर जैन धर्म का प्रचार भी करने लग गए थे
वह जहां भी जाते थे वहां की सभ्यता और जो भी अच्छी चीज होती थी उन सबको वह अपने अंदर समा लेते थे इस दौरान महावीर स्वामी जी केवल 3 घंटे की नींद निकालते थे अपनी इस तपस्या के दौरान महावीर स्वामी जी ने पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में जैन धर्म का प्रचार प्रसार किया था
महावीर स्वामी जी की आध्यात्मिक यात्रा
महावीर स्वामी जी अपने घर को त्याग कर जिस वन में रहा करते थे तो वहां से ही वह अपने ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने का काम भी करते थे उन्होंने अपने वन में एक दिन 11 ब्राह्मण को भी बुलाया था और यह ब्राह्मण इसलिए आए थे क्योंकि यह महावीर स्वामी जी के द्वारा जो शब्द कहे जाते थे उनको लिखित रूप दिया करते थे उसके बाद उनके द्वारा लिखे गए शब्द आगे चलकर विगामिवा, त्रिपादी ज्ञान, उपनिव, धुवेइव आदि कहलाए थे
महावीर स्वामी द्वारा संस्था का निर्माण
महावीर स्वामी जैन समाज के 24 में तीर्थंकर माने जाते हैं और इन्होंने भगवान के तपस्या एवं भगवान का ध्यान किया था एक दिन भगवान महावीर स्वामी के शिष्य उनके मित्रों को एवं उनके सगे संबंधियों को महावीर स्वामी जी के पास ले आए थे उसके बाद महावीर स्वामी जी ने उनको मोक्ष प्राप्ति का ज्ञान दिया था एवं सुखद जीवन जीने का ज्ञान दिया था उसके बाद महावीर स्वामी जी की संस्था में तो लगभग लाखों की संख्या में लोग आने लग गए थे महावीर स्वामी जी के संस्था में लगभग 14000 से अधिक मुनी आए थे और लगभग 300000 से भी अधिक श्रावक एवं श्राविका महावीर स्वामी जी के शब्द सुनने को आए थे
महावीर स्वामी जी की मृत्यु
महावीर स्वामी जी ने लोगों को बहुत सारे ज्ञान के प्रति करवाई थी तथा यह लोगों को मोक्ष प्राप्ति का साधन के ज्ञान की प्राप्ति भी करवाते थे महावीर स्वामी जी ने संस्कृत के अलावा विभिन्न प्रकार की भाषाओं का निर्माण किया था और लोगों तक फैलाया भी था उसके बाद महावीर स्वामी जी का आखिरी उपदेश पावापुरी गांव में दिया था और यहां पर उन्होंने लगातार 48 घंटे तक प्रवचन दिया था और अंत में महावीर स्वामी जी को मोक्ष की प्राप्ति 527 ईसा पूर्व में हो गई थी
Read More :-
- Rani Lakshmi Bai ka jivan Parichay Hindi mein
- Tulsidas ka jivan Parichay
- Shubman gill biography in Hindi
- Apj abdul kalam biography in Hindi
- Kabir Das biography in Hindi
FAQ :-
महावीर स्वामी जी का जन्म कब माना जाता है?
महावीर स्वामी जी का जन्म 599 ईसा पूर्व को माना जाता है।
Mahaveer Swami जी की पत्नी का क्या नाम था?
Mahaveer Swami जी की पत्नी का नाम यशोदा था।
Mahaveer Swami जी का वास्तविक नाम क्या था?
Mahaveer Swami जी का वास्तविक नाम वर्धमान था।
महावीर स्वामी जी की मृत्यु कब हुई थी?
Mahaveer Swami जी की मृत्यु 527 ईसा पूर्व को मानी जाती है।
महावीर स्वामी जी के माता-पिता का नाम क्या था?
Mahaveer Swami जी के पिताजी का नाम सिद्धार्थ तथा माता जी का नाम त्रिशला था।
अंतिम शब्द :-
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपको महावीर स्वामी जी का जीवन परिचय इन हिंदी, महावीर स्वामी बायोग्राफी इन हिंदी, महावीर स्वामी का जीवन परिचय के बारे में संपूर्ण जानकारी यहां पर बता दीजिए और मैं उम्मीद करता हूं कि दोस्तों आपको यह लेख बहुत पसंद आया होगा यदि दोस्तों आपको यह लेख अच्छा लगता है तो आप इसे सोशल मीडिया पर या फिर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं ताकि आपके साथ-साथ आपके दोस्तों को महावीर स्वामी का जीवन परिचय इन हिंदी के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके