Rabindranath Tagore biography in Hindi | रवींद्रनाथ टैगोर बायोग्राफी इन हिंदी

Ravindranath Tagore biography in Hindi :- नमस्कार दोस्तों, दोस्तों आज का हमारा यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आज हम इस लेख में ऐसे व्यक्ति के बारे में चर्चा करने वाले हैं जिन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी उपलब्धियों को प्राप्त किया है दोस्तों इस लेख में हम रविंद्र नाथ टैगोर की जीवनी के बारे में चर्चा करने वाले हैं वर्तमान समय में कुछ लोग ऐसे हैं जो रविंद्र नाथ टैगोर के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं और इंटरनेट पर रविंद्र नाथ टैगोर की जीवनी के बारे में सर्च करते हैं

यदि दोस्तों आप ने भी इस टॉपिक को सर्च किया है और इस लेख में आते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आपको यहां पर रविंद्र नाथ टैगोर की जीवनी के बारे में संपूर्ण जानकारी देखने को मिलेगी इसलिए दोस्तों आप हमारे इस लेख में अंत तक जरूर बने रहें ताकि आपको रविंद्र नाथ टैगोर के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके

रविंद्र नाथ टैगोर का सामान्य परिचय

सबसे पहले हम इस लेख में रविंद्र नाथ टैगोर के बारे में कुछ सामान्य जानकारी को प्राप्त करेंगे जो आपके लिए जानना बहुत जरूरी हैं रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कोलकाता, बंगाल में 7 may 1861 को ब्रिटिश भारत के समय हुआ था रविंद्र नाथ टैगोर को बंगाली कवि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि संगीतकार ,उपन्यासकार, नाटक कलाकार, ब्रह्मसमाज दार्शनिक, समाज सुधारक, लेखक आदि नामों से भी रविंद्र नाथ टैगोर को जाना जाता है रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने जीवन में बहुत सारी कलात्मक उपलब्धियां और विलक्षण साहित्य आदि में अपना नाम कमाया था

रविंद्र नाथ टैगोर ब्रिटिश शासक के एक महान व्यक्ति माने जाते हैं क्योंकि इन्होंने भारत के संस्कृति में और राष्ट्रीय आंदोलनों में भाग लिया था और अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए भारतीय संस्कृति को एक अलग पहचान दिलाई थी हमारी संस्कृति को और सभ्यताओं को रविंद्र नाथ टैगोर ने साहित्य कलाओं का सहारा लेकर पश्चिमी देशों में फैलाने का काम किया था इन सब से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने रविंद्र नाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि प्रदान की थी

रविंद्र नाथ टैगोर एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो गीतांजलि कविता में एशिया में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम व्यक्ति माने जाते हैं। रविंद्र नाथ टैगोर के बहुत सारे उपनाम भी हैं यानी इनको अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे विश्वकाबी, गुरुदेव, और कवि गुरु आदि। इन्होंने अपने जीवन काल में जितने भी गीत गाए हैं, तो इनके सभी गीतों को रविंद्र संगीत नाम से पहचान मिली थी। रविंद्र नाथ के जीवन का पाठकों के जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ा था। जिसके कारण रवींद्रनाथ को कवियों के कवि के नाम से भी पहचाना जाता है।

भारत में जन – गण – मन राष्ट्रीय गान की रचना की रवींद्रनाथ टैगोर के द्वारा की गई थी और बांग्लादेश के राष्ट्रगान की रचना भी रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा ही की गई थी। बांग्लादेश का राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” से शुरू होता है। रविंद्र नाथ टैगोर भारत रत्न से 1954 में सम्मानित किए गए थे।

Ravindranath Tagore biography in Hindi

Nameintroduction
Name Rabindranath Tagore
Birthकोलकाता पश्चिम बंगाल में 7 may 1861
Mother – Fatherशारदा देवी, देवेंद्र नाथ टैगोर
Wifeमृणालिनी देवी
Children nameमीरा टैगोर, मधुरनथ किशोर, रेणुका टैगोर, रवींद्रनाथ टैगोर, शामिंद्रनाथ टैगोर
Languageअंग्रेजी और बंगाली
Casteबंगाली जाति के थे
Famous bookगीतांजलि
An awardसाहित्य में नोबेल पुरस्कार
Workनाटककार, चित्रकार, संगीतकार, लेखक आदि में
Religionहिंदू
Nationalityभारतीय
Zodiac signवृषभ
Age80 साल ( मृत्यु तक )
Death7 August 1941 कोलकाता ब्रिटिश भारत के समय

रविंद्र नाथ टैगोर की प्रारंभिक शिक्षा

रवींद्रनाथ टैगोर अपने समय के एक महान व्यक्ति थे और बचपन से ही रवींद्रनाथ टैगोर में बहुत ज्ञान था। आरंभ में रविंद्र नाथ टैगोर ने अपनी शिक्षा स्कूल सैंट जेवियर नामक स्कूल में पूरी की थी जो कोलकाता में बहुत प्रसिद्ध स्कूल माना जाता था रविंद्र नाथ टैगोर के पिता देवेंद्र नाथ टैगोर शुरुआत से ही समाज के हर काम में समर्पित होते थे। रवींद्रनाथ टैगोर की रुचि तो साहित्य कला मे थी।

लेकिन रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर का सपना उनको बैरिस्टर बनाने का था। इसलिए उन्होंने 1878 ईस्वी में लंदन के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में एडमिशन करवा दिया। लेकिन उनकी रूचि साहित्य में होने के कारण वह बिना बैरिस्टर बने ही 1880 ईस्वी में वापस अपने देश लौट आए।

रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित रचनाएं

रविंद्र नाथ टैगोर का बचपन से ही साहित्य में बड़ा शौक था लगभग हर विषय में रविंद्र नाथ टैगोर बहुत रूचि रखते थे। और उन्होंने लगभग हर विषय में साहित्य रचना में अपना नाम कमाया है। इसलिए आगे चलकर रविंद्र नाथ टैगोर एक महान समाजसेवी होने के साथ ही लेखक ,कवि और साहित्यकार के नाम से पहचाने जाने लगे। बचपन में कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो अपना समय खेलकूद में ही निकाल देते हैं। लेकिन रवींद्रनाथ एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने बचपन में ही कविता लिख डाली थी।

जब उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी उस समय रविंद्र नाथ टैगोर की उम्र लगभग 8 वर्ष की ही थी।

जब इनकी आयु 16 वर्ष की हुई तो उस समय इन्होंने 1877 ईस्वी में लघुकथा नाम से कविता लिख डाली थी रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने जीवन काल में लगभग 2230 गीत लिखे थे। इन्होंने बंगाली भाषा में अपना बहुत नाम कमाया है। और यह बंगाली भाषा के बहुत बड़े साहित्यकार के रूप में भी जाने जाते हैं।

रविंद्र नाथ टैगोर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

दोस्तों इस लेख में हमने आपको रविंद्र नाथ टैगोर की सामान्य परिचय और उनकी जीवनी के बारे में बता दिया है। लेकिन रमेंद्र नाथ टैगोर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी हैं जिनको जानना भी आपके लिए बहुत जरूरी हैं जो कि निम्न प्रकार हैं

  • रविंद्र नाथ टैगोर की प्रसिद्ध पुस्तक गीतांजलि में लगभग 157 कविताएं लिखी गई है।
  • रविंद्र नाथ टैगोर ने जितने भी कविताओं की रचना की है उन सब को 1880 में प्रकाशित किया गया था।
  • रविंद्र नाथ टैगोर को कवियों के कवि और गुरुदेव आदि नामों से पहचाना जाता है।
  • रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने जीवन काल की लेखनी में लगभग 1000 से अधिक कविताओं की रचना की है और आठ उपन्यास तथा आठ कहानी संग्रह भी किया गया है।
  • रविंद्र नाथ टैगोर अपने समय के बहुत महान संगीत प्रेमी भी माने जाते हैं इन्होंने लगभग 2000 से ज्यादा गीतों की रचना की है।
  • रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा ही भारत के राष्ट्रगान की रचना की गई थी।
  • रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा ही बांग्लादेश के राष्ट्रगान की रचना भी की गई थी।
  • रविंद्र नाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले एक महान व्यक्ति थे इनको नाइटहुड की उपाधि भी मिली थी।

रविंद्र नाथ टैगोर की शादी किससे हुई?

रविंद्र नाथ टैगोर ने 1883 ईस्वी में मृणालिनी देवी से की थी उस समय की परंपरा के अनुसार इन्होंने बाल विवाह किया था।

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FAQ :-

रविंद्र नाथ टैगोर को किस नाम से जाना जाता था?

रविंद्र नाथ टैगोर को गुरुदेव और कवियों के कवि के नाम से जाना जाता था।

रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से कब नवाजा गया था?

रविंद्र नाथ टैगोर को 1913 ईस्वी में गीतांजलि नामक रचना के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।

रविंद्र नाथ टैगोर ने शिक्षा कहां से प्राप्त की थी?

रविंद्र नाथ टैगोर ने प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के प्रसिद्ध स्कूल सेंट जेवियर में प्राप्त की थी उसके बाद वह बैरिस्टर की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए लेकिन उनकी साहित्य में रुचि होने के कारण वह बिना बैरिस्टर बने ही स्वदेश लौट गए।

रविंद्र नाथ टैगोर की मृत्यु कब हुई थी?

रविंद्र नाथ टैगोर की मृत्यु 7 अगस्त 1941 को कोलकाता ब्रिटिश शासन के समय हुई थी।

अंतिम शब्द :-

उम्मीद करता हूं दोस्तों आपको हमने जो इस लेख में Ravindranath Tagore biography in Hindi, रवींद्रनाथ टैगोर बायोग्राफी इन हिंदी, Ravindranath Tagore biography के बारे में बताया है कमेंट करें दोस्तों इस लेख मे जो हमने जानकारी दी वह आपको कैसी लगी और इस लेख को आप सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करें

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