सम्राट अशोक की जीवनी | Samrat Ashok ki jivani

Samrat Ashok ki jivani :- दोस्तों आज हम सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी इन हिंदी, सम्राट अशोक का जीवन परिचय, Samrat Ashok ki jivani के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे दोस्तों यदि आप सम्राट अशोक के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आप सम्राट अशोक की जीवनी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेंगे सम्राट अशोक शक्तिशाली राजाओं में से एक माने जाते हैं सम्राट अशोक मौर्य वंश का सबसे प्रतापी शासक माना जाता है

सम्राट अशोक अखंड भारत पर राज करने वाला सबसे प्रतापी शासक माना जाता है सम्राट अशोक ने अपने राज्य का विस्तार उत्तर में हिंदू कुश से लेकर गोदावरी नदी तक किया था और इसके साथ ही सम्राट अशोक ने बांग्लादेश से लेकर अफगानिस्तान तथा ईरान तक भी अपने राज्य का विस्तार किया था सम्राट अशोक एक महान राजा तो थे ही सही लेकिन इसके साथ ही यह बौद्ध धर्म के अनुयायी तथा धार्मिक सहिष्णु भी माने जाते हैं तो चलिए दोस्तों अब हम सम्राट अशोक की जीवनी के बारे में विस्तार पूर्वक इस लेख के माध्यम से चर्चा कर लेते हैं।

सम्राट अशोक का प्रारंभिक जीवन

सम्राट अशोक का जन्म 304 ई पू को पाटलिपुत्र में हुआ था इनके पिता का नाम बिंदुसार तथा माता का नाम सुभाद्रंगी था इन्होंने 229 ईसा पूर्व से लेकर 232 ईसा पूर्व तक शासन किया था सम्राट अशोक मौर्य वंश के तीसरी राजा माने जाते हैं तथा यह एक बहुत प्रतापी शासक माना जाता है सम्राट अशोक ने अपने राज्य का विस्तार पूरे भारत में किया था तथा पूरे भारत में इन्होंने एक छट राज किया था सम्राट अशोक ने जन्म तो पाटलिपुत्र में लिया था लेकिन अपने राज्य का विस्तार इन्होंने बांग्लादेश से लेकर अफगानिस्तान और ईरान तक किया था।

सम्राट अशोक की प्रारंभिक शिक्षा

सम्राट अशोक को महान शक्तिशाली शासक माना जाता है शक्तिशाली शासक के अलावा सम्राट अशोक बहुत ज्ञानी भी थे सम्राट अशोक जन्म के कुछ समय बाद ही अपने शक्तिशाली प्रदर्शन को दिखाने लग गए थे सम्राट अशोक को अर्थशास्त्र तथा गणित का महान ज्ञाता माना जाता है सम्राट अशोक के द्वारा शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए अनेक स्कूलों तथा कॉलेज का निर्माण करवाया गया था

सम्राट अशोक के द्वारा उज्जैन अध्ययन केंद्र की स्थापना भी की गई थी इन्होंने इसकी स्थापना 284 ईसा पूर्व बिहार में की थी इसके अलावा सम्राट अशोक ने बहुत सारे शिक्षण संस्थानों की स्थापना भी करवाई थी सम्राट अशोक के द्वारा शिक्षा का प्रचार प्रसार तो किया ही गया था लेकिन इसके साथ इन्होंने बहुत सारे महान कार्य भी किए थे और जिसके कारण सम्राट अशोक को एक महान शासक के रूप में जाना जाता है तथा यह अपने समय के बहुत शक्तिशाली शासक थे।

सम्राट अशोक का साम्राज्य विस्तार

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि सम्राट अशोक एक महान शक्तिशाली शासक था और इन्होंने अपने राज्य का विस्तार लगभग पूरे भारत में किया था तथा इन्होंने एक अखंड भारत का निर्माण किया था सम्राट अशोक ने उत्तर से लेकर दक्षिण तक राज किया था इसके अलावा सम्राट अशोक ने भारत में नहीं बल्कि बांग्लादेश से लेकर अफगानिस्तान तथा ईरान तक अपने राज्य का विस्तार किया था सम्राट अशोक के राज्य का विस्तार पूरे भारत में तथा इसके अलावा अफगानिस्तान बांग्लादेश भूटान पाकिस्तान नेपाल म्यांमार ईरान आज तक फैला हुआ था सम्राट अशोक के समय यह सभी देश भारत के हिस्से थे लेकिन वर्तमान समय में यह सब अलग हो गए हैं और इसी कारण से पहले सम्राट अशोक ने इन पर राज किया था।

सम्राट अशोक द्वारा लड़ा कलिंग का युद्ध

सम्राट अशोक का जब राज्याभिषेक किया गया था तो अपने राज्य अभिषेक के 7 वर्ष के बाद इन्होंने कलिंग का युद्ध लड़ा था और इस युद्ध में सम्राट अशोक के द्वारा काफी खून खराबा किया गया था सम्राट अशोक के 13वें शिलालेख में बताया गया है कि कलिंग के युद्ध में लगभग 1 लाख लोगों की मौत हो गई थी काफी सारे लोग इस युद्ध में घायल भी हुए थे सम्राट अशोक के द्वारा जब इस युद्ध को देखा गया तो इसको देखने के बाद उनका काफी दुख हुआ था और इसी युद्ध के बाद सम्राट अशोक के द्वारा सामाजिक और धार्मिक प्रचार करना आरंभ कर दिया था और इसी युद्ध के बाद सम्राट अशोक के मन में दया भाव उभर कर आ गया था और इस युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने कोई भी युद्ध न लड़ने का प्रण ले लिया था और शांति का प्रचार प्रसार करने लग गया था।

सम्राट अशोक का बौद्ध धर्म

कलिंग युद्ध के समाप्ति के बाद सम्राट अशोक के द्वारा बौद्ध धर्म को अपनाया गया था और तथा इसी युद्ध के बाद सम्राट अशोक बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए थे और अपने राज्य में सम्राट अशोक के द्वारा इस धर्म का प्रचार प्रसार किया गया था और लोगों को दया भाव रखने का संदेश दिया गया था और कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक के मन में लोगों के प्रति प्रेम तथा दया भाव उभर कर आ गया था।

सम्राट अशोक द्वारा निर्माण कार्य

सम्राट अशोक तत्कालीन भारत के सबसे प्रतापी शासक माने जाते थे और सम्राट अशोक के दादा चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म को अपनाया था और उनके द्वारा भी जैन धर्म को अपनाया गया था सम्राट अशोक के द्वारा अपने जीवन में बहुत सारे भवनों का निर्माण करवाया था इसके साथ ही इन्होंने स्तूप मठ और स्तंभ का निर्माण भी करवाया था इन्होंने जो स्तूप तथा मठ बनवाए थे यह राजस्थान के बैराठ में मिल जाते हैं इनके द्वारा बनाया गया सांची का स्तूप वर्तमान समय में काफी प्रसिद्ध भी माना जाता है और इसी के साथ ही सम्राट अशोक के द्वारा और भी निर्माण करवाया था।

सम्राट अशोक का धार्मिक परिचय

सम्राट अशोक एक महान धार्मिक सहिष्णु शासन माने जाते हैं और इसी के साथ ही सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म का अनुयायि भी माना जाता है सम्राट अशोक अपनी जनता को हमेशा ज्ञान देते रहते थे कि जिओ और जीने दो पशु हत्या के सम्राट अशोक बिलकुल खिलाफ थे सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार को श्रीलंका अफगानिस्तान नेपाल आदि में करने के लिए अपने दूत भेजे थे और इन्होंने इन देशों की यात्रा करने के लिए अपने पुत्र तथा पुत्री को भेज दिया था और वहां जाकर उनके द्वारा बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया गया था और इस धर्म के प्रचार प्रसार करने में सबसे सफल पुत्र सम्राट अशोक के महेंद्र माने जाते हैं क्योंकि इनके द्वारा श्रीलंका राज्य ने बौद्ध धर्म को अपना लिया था और इस प्रकार सम्राट अशोक के द्वारा धार्मिक परिचय दिया गया था।

सम्राट अशोक की मृत्यु

सम्राट अशोक का अंतिम समय पाटलिपुत्र में व्यतीत हुआ था और इन्होंने अपना शासन 40 वर्षों तक किया था और उसके बाद सम्राट अशोक की मृत्यु हो गई थी सम्राट अशोक के द्वारा अपने शासन के समय काफी महान कार्य भी किए गए थे और इन्होंने अपनी प्रजा को काफी ज्ञान भी दिया था और इसी के साथ ही सम्राट अशोक के द्वारा पशु हत्या पर रोक भी लगा दी थी क्योंकि इनको यह सब कुछ पसंद नहीं था और इसी के साथ ही सम्राट अशोक सबसे प्रतापी शासक भी माने जाते हैं।

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FAQ :-

सम्राट अशोक कौन से धर्म के अनुयायी माने जाते थे?

सम्राट अशोक बौद्ध धर्म के अनुयायी माने जाते थे।

सम्राट अशोक के द्वारा कितने युद्ध लड़े गए थे?

सम्राट अशोक ने अपने जीवन में केवल एक ही युद्ध लड़ा था और वह कलिंग का युद्ध था उसके बाद इन्होंने कोई भी युद्ध नहीं लड़ा था।

सम्राट अशोक ने अपने राज्य का विस्तार कहां तक किया था?

सम्राट अशोक के द्वारा अपने राज्य का विस्तार लगभग पूरे भारत में किया गया था और इसी के साथ इन्होंने बांग्लादेश से लेकर अफगानिस्तान तथा ईरान तक अपने राज्य का विस्तार किया था।

सम्राट अशोक किसके पुत्र माने जाते हैं?

सम्राट अशोक बिंदुसार के पिताजी माने जाते हैं।

सम्राट अशोक के बारे में संक्षिप्त जानकारी बताइए?

सम्राट अशोक एक महान प्रतापी शासक था तथा इन्होंने अपने जीवन में कलिंग का युद्ध लड़ा था और उसके बाद कोई भी युद्ध न लड़ने की प्राण भी ली थी इसके साथ ही सम्राट अशोक के द्वारा अपने राज्य का विस्तार संपूर्ण भारत में किया गया था और इन्होंने एक अखंड भारत का निर्माण किया था इसके साथ ही सम्राट अशोक ने अपने जीवन काल में बहुत सारे कार्य किए थे और उन्होंने अपने अंतिम सांस पाटलिपुत्र में ली थी।

अंतिम शब्द :-

आज हमने आपको सम्राट अशोक की जीवनी, Samrat Ashok ki jivani, सम्राट अशोक जीवन परिचय, सम्राट अशोक बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में विस्तार पूर्वक यहां पर बता दिया है यदि दोस्तों आपको हमारा यह लेख पसंद आता है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं और इस लेख को आप अपने मित्रों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।

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