सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी | Sardar Vallabhbhai Patel ki jivani

Sardar Vallabhbhai Patel biography in Hindi :- नमस्कार दोस्तों, आज का हमारा यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में चर्चा करने वाले हैं इनके बारे में हम इस लेख में संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने वाले हैं कि किस प्रकार से इन्होंने अपने देश के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी और इनको लोह पुरुष की उपाधि किस प्रकार से मिली थी इन सब की चर्चा आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से करने वाले हैं

इसलिए दोस्तों आप हमारी इस लेख में अंत तक जरूर बने रहें सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने देश की एकता और अपने देश की अखंडता और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इनको इस स्थिति में सबसे पहले याद किया जाता है भारत को आजाद करवाने में और भारत के विकास में सरदार वल्लभभाई पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका थी पहले भारत खंडो खंडो में विभाजित था लेकिन भारत को अखंड भारत बनाने में सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका थी आज जो भी हम अपने भारत को देख रहे हैं

ऐसी स्थिति सरदार वल्लभभाई पटेल के बिना बने लगभग नामुमकिन थी भारत में सरदार वाला भाई पटेल को लोह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है यानी कि सरदार वल्लभभाई पटेल the iron man of India के नाम से पूरे भारत देश में प्रसिद्ध थे आज इस लेख में हम सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में चर्चा करने वाले हैं इसलिए आप इस लेख में अंत तक जरूर बन रहे तो चलिए दोस्तों अब हम बिना देरी किए इस लेख के माध्यम से सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में जानते हैं।

Table of Contents

सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी ( Sardar Vallabhbhai Patel ki jivani )

दोस्तों यदि आप सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आपको यहां पर सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में संपूर्ण जानकारी देखने को मिलेगी बस इसके लिए आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा तभी जाकर आप सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि इनका नाम क्या था और उनके माता-पिता का नाम क्या था तथा इन्होंने अपने जीवन में कौन-कौन से काम किया तथा इन्होंने अपनी शिक्षा कहां पर प्राप्त की

इन सब की जानकारी हम बहुत ही आसान शब्दों में आपको आपको यहां पर देने वाले हैं हमारे इस लेख को आप जब पढ़ोगे तो कहीं और अन्य लेखों में आपको जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि आपको यहां पर ही संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी तो चलिए दोस्तों अब हम बिल्कुल आसान शब्दों में सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में जान लेते हैं

नामसरदार वल्लभभाई पटेल
पिता का नामझबेर भाई
माता का नामलाड बाई
पत्नी का नामझबेरबा बाई
बेटे का नामडाह्याभाई
बेटी का नाममणि
जन्म31 अक्टूबर 1875
जन्म स्थानगुजरात
उपाधिसरदार और लोह पुरुष
निधन12 दिसंबर 1950

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म

देश की एकता और अखंडता में अपने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात के एक छोटे से गांव करमसद में हुआ था इन्होंने जन्म 31 अक्टूबर सन 1875 को एक किसान परिवार में लिया था लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के माता पिता का नाम श्री झबेर भाई – श्रीमती लाड भाई था सरदार वल्लभभाई पटेल का परिवार क्षत्रिय जाति में निवास करता था और यह गांव में ही खेती करके अपना गुजारा चलाते थे

सरदार वल्लभभाई पटेल के पिताजी ने महारानी लक्ष्मीबाई जो एक क्रांतिकारी थी उनकी सेवा में भी इन्होंने भाग लिया था सरदार वल्लभभाई पटेल के पिताजी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भी उपस्थित थे और सरदार वल्लभभाई पटेल की माता लालबाई एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी और वह अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाना चाहती थी सरदार वल्लभभाई पटेल के कुल छह भाई बहन थे और यह सभी भाई बहन एक दूसरे से बहुत स्नेह करते थे तथा सभी सुख-दुख में अपना साथ दे देते

सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा

लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को बचपन से ही पढ़ने लिखने का बहुत जुनून था और सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अनेक जगह जाकर पूरी की थी सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी शिक्षा ऐसे ही पूरी नहीं की इन्होंने अपनी शिक्षा को पूरी करने के लिए अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा था तब जाकर उनकी शिक्षा पूरी हुई थी प्रारंभ में सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी शिक्षा को अपने गांव में ही प्रारंभ किया था

और स्कूल से आने के बाद भी सरदार वल्लभभाई पटेल घर पर भी खूब मेहनत करते थे बचपन में ही उन्होंने अपने अंदर संघर्ष की भावना को जगा लिया था सरदार वल्लभभाई पटेल को बचपन से ही अंग्रेजी भाषा पढ़ने का बहुत शौक था और सन 1872 में लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने दसवीं कक्षा को पूरी कर लिया था फिर आगे वह अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए खूब मेहनत करते थे और अंत में उन्होंने वकालत की पढ़ाई शुरू कर दी थी

सरदार वल्लभभाई पटेल की वकालत का काम

सरदार वल्लभभाई पटेल ने वकालत की पढ़ाई शुरू की थी तो उन्होंने अपने जीवन में खूब मेहनत की और धीरे-धीरे वह अपनी वकालत भी शुरू करने लग गए शुरुआत में जब उन्होंने अपनी वकालत को शुरू किया तो उन्होंने काफी संघर्ष करना पड़ा था क्योंकि जब उन्होंने अदालत में जाना शुरू किया था तो वहां पर सबसे पहले उन्होंने बहुत ही ध्यान पूर्वक एवं समझदारी से सारे कामकाज का एवं कानूनी कार्रवाई का बहुत ही अच्छी तरह से अध्ययन किया था धीरे-धीरे जब इन्होंने वकालत करना शुरू किया तो यह अपनी वकालत के कारण चमकने लग गए थे और इन्होंने बाद में एक छोटा सा ऑफिस गोधरा नामक गांव में खोला था

सरदार वल्लभभाई पटेल की वकालत करने का तरीका सबसे अलग था और लोग इसे काफी जल्दी प्रभावित हो जाते थे सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने वकालत की पढ़ाई इंग्लैंड जाकर पूरी की थी और उन्होंने यह पढ़ाई मिडिल टेंपल से आरंभ की थी यदि कोई उस समय बैरिस्टर बनने की सोचता था तो उनको लगभग 12 टर्म को पास करना रहता था लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल काफी होशियार होने के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई को बहुत ही कम समय में पूरा कर दिया था और परीक्षा में अपना पहला स्थान प्राप्त किया था शुरुआत में सरदार वल्लभभाई पटेल ने इंग्लैंड में ही अपने वकालत शुरू की थी अपनी बैरिस्टर की पूरी पढ़ाई करने के बाद लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल अपने देश में 1913 को आए थे

सरदार वल्लभभाई पटेल का विवाह

सरदार वल्लभभाई पटेल का छोटी सी उम्र में ही विवाह कर दिया था जब सरदार वल्लभभाई पटेल का विवाह किया गया था तब उनकी उम्र मात्र 18 वर्ष ही थी और उनकी शादी 1893 में कर दी गई थी सरदार वल्लभभाई पटेल की पत्नी का नाम झबेरबा था जब सरदार वल्लभभाई पटेल की शादी हुई थी तब उनकी पत्नी की आयु मात्र 13 वर्ष की ही थी

जैसे ही सरदार वल्लभभाई पटेल की शादी खत्म हुई थी तो उसके तुरंत बाद ही वहां वकील बन गए थे और अपने घर परिवार की देखरेख करने लग गए थे सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन में उनकी पत्नी का भी बहुत बड़ा हाथ है क्योंकि सरदार वल्लभभाई पटेल की पत्नी ने उनको हमेशा से आगे बढ़ने के लिए ही प्रोत्साहन दिया था सरदार वल्लभभाई पटेल के बेटे तथा बेटे का नाम मणि और डाह्याभाई था

सरदार वल्लभभाई पटेल का देश के लिए योगदान

सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था तथा ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को आजाद करवाने में भी सरदार वल्लभभाई पटेल ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी महात्मा गांधी ने भारत को आजाद करवाने में जो सत्याग्रह एवं आंदोलन किए थे उनमें सरदार वल्लभभाई पटेल का बहुत बड़ा योगदान है और उनके संघर्षों के बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश एक स्वतंत्र देश बन गया और हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिल गई थी आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बना दिया था और उप प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल को चुना गया था।

देश को आजाद करवाने के बाद भी सरदार वल्लभभाई पटेल के सामने बहुत सारी समस्याएं आ गई थी जैसे कि देश को एकजुट करने की समस्या यह समस्या सरदार वल्लभभाई पटेल के सामने सबसे बड़ी समस्या थी लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने इनका सामना भी अपनी पूरी ताकत के साथ किया था हमारा देश जब आजाद हुआ था तो यह दो हिस्सों में बट गया था एक हिस्सा पाकिस्तान तथा दूसरा हिंदुस्तान था इस प्रकार देश का विभाजन होना सरदार वल्लभभाई पटेल को अच्छा नहीं लगा और वह काफी दुखी हुई जब गांधी जी की मृत्यु हो गई थी तो रियासतों को भारत में सरदार वल्लभभाई पटेल के द्वारा ही सम्मिलित किया गया था

15 अगस्त 1947 को हमारा भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था और जब यह आजाद हुआ तो उसे समय हमारे देश में लगभग 562 छोटी बड़ी रियासतें मौजूद थी लेकिन इनका विलय हमारे भारत में करना यह एक बहुत बड़ी चुनौती पूर्ण समस्या थी इस समस्या का निवारण करने के लिए गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को चुना गया था सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस समस्या के निवारण के लिए बहुत संघर्ष किया था भारत की आजादी से पहले ही अंग्रेजों ने बोला था कि भारत में जो भी रियासत रहना चाहती हैं वह बिना किसी दबाव के रह सकती हैं

और जो रियासत पाकिस्तान में रहना चाहती हैं तो उनके साथ किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं डाला जाएगा वह बिना किसी जीजा के जा सकती हैं लेकिन इस बात से सरदार वल्लभभाई पटेल बिल्कुल सहमत नहीं थे और उन्होंने सभी रियासतों को भारत की तरफ सम्मिलित करने के लिए पत्र लिखा था और इसके बाद सभी रियासतें भारत में सम्मिलित हो गई लेकिन कश्मीर जूनागढ़ और हैदराबाद भारत में सम्मिलित नहीं हुई लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने संघर्षों के बाद में जूनागढ़ और हैदराबाद को तो शामिल कर लिया था

सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन

देश की एकता और अखंडता का निर्माण करने वाले लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन 12 दिसंबर 1950 को दिल का दौरा पड़ने के दौरान मुंबई में हो गया था सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत के हर एक जगह से बड़ी संख्या में लोग आए थे क्योंकि सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों के विलय में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और देश को एकता के सूत्र में बांधा था

उपाधि

भारत को स्वतंत्र करवाने में तथा भारत को एकता और अखंडता के सूत्र में बांधने में सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इसी भूमिका के कारण हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल को सरदार और लौह पुरुष की उपाधि दी गई थी उसके बाद से ही सरदार वल्लभभाई पटेल पूरे भारत में लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से विख्यात हो गए थे भारत का विकास करने में भी सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी

सरदार वल्लभभाई पटेल के द्वारा प्राप्त सम्मान

सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन 12 दिसंबर 1950 को दिल का दौरा पड़ने के कारण मुंबई में हो गया था लेकिन उनकी मृत्यु के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल को 1991 में भारत रत्न से नवाजा गया था तथा अहमदाबाद में एक एयरपोर्ट का नाम भी सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर दिया था सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से गुजरात में एक विश्वविद्यालय भी हैं और उनके नाम पर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाई जाती है

Read More :-

सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा दिए गए विचार

  • यदि कोई आपका अपमान कर रहा है तो आप में अपमान सहने की कला जरूर होनी चाहिए
  • सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था कि भारत भविष्य में एक अच्छा उत्पादक देश बने ताकि यहां पर कोई भी भूखा ना सोए
  • जब तक व्यक्ति अधिकारों का मूल्य ना चुका दे तब तक व्यक्ति अंधा ही बना रहेगा
  • भारत में ऊंच-नीच के भेदभाव को भूल कर सबको एक होना है तब जाकर कोई भी क्रूर शासन भारत के सामने नहीं टिक सकता
  • यदि आप किसी भी बड़े काम को करते हैं तो आपके अंदर शक्ति और विश्वास का होना बहुत जरूरी है

FAQ :-

सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष की उपाधि किसके द्वारा की गई थी?

देश को स्वतंत्र करवाने में तथा भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इसी वजह से महात्मा गांधी के द्वारा लोह पुरुष की उपाधि दी गई थी।

सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति कहां पर स्थापित की गई है?

सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति गुजरात के नर्मदा जिले में स्थापित की गई हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म कब हुआ था?

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात में हुआ था।

सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन कब हुआ था?

सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन 12 दिसंबर 1950 को दिल का दौरा है पडने के कारण हुआ था।

सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश के लिए क्या भूमिका निभाई थी?

सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को स्वतंत्र करवाने में तथा भारत की एकता और अखंडता का निर्माण करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी।

अंतिम शब्द :-

उम्मीद करता हूं दोस्तों आपको सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी, सरदार वल्लभभाई पटेल बायोग्राफी इन हिंदी, sardar Vallabhbhai Patel biography in Hindi बहुत पसंद आई होगी क्योंकि हमने बिल्कुल आसान शब्दों में यहां पर आपको सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी के बारे में बता दिया है कमेंट करके बताएं दोस्तों आपको यह जीवनी कैसी लगी और इसको आप सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करें

Leave a Comment