सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय | Sarvpalli Radhakrishnan ka jivan Parichay

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सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक महान विद्वानों के रूप में भी माना जाता है इन्होंने हिंदू धर्म को विश्व भर में फैलाने का काम किया था सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक होने के नाते इन्हीं की याद में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं आज हम इस लेख में सर्वपल्ली राधाकृष्णन बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे इसलिए दोस्तों आप इस लेख में अंत तक बन रहे और सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय के बारे में संपूर्ण जानकारी को विस्तार पूर्वक जाने तो चलिए दोस्तों अब हम इनके बारे में जानकारी को प्राप्त कर लेते हैं।

Sarvpalli Radhakrishnan ka jivan Parichay

Name सर्वपल्ली राधाकृष्णन
Birth 5 September 1888
Birth place तिरुमनी में
Cast ब्राह्मण जाति
Father name विरास्वामी
Mother name सीताम्मा
Death 17 April 1975

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का प्रारंभिक जीवन

सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे और यह स्वतंत्र भारत के महान विद्वान भी माने जाते हैं इनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में माना जाता है सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिताजी का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी एवं माता का नाम सीताम्मा था इनके पिताजी एक विद्वान ब्राह्मण के रूप में काम करते थे तथा यह राजस्व विभाग में भी काम किया करते थे सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना प्रारंभिक जीवन अपने गांव में ही बिताया था।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पांच भाई तथा एक बहन थी और इन भाई बहनों में यह दूसरे नंबर पर आते थे सर्वपल्ली राधाकृष्णन का विवाह सिवाकामू से हुआ था इनका विवाह 1903 में हुआ था और जब इनका विवाह किया गया था उस समय सर्वपल्ली राधाकृष्णन की उम्र मात्र 16 वर्ष की मानी जाती है तथा उनकी पत्नी की उम्र मात्र 10 वर्ष की मानी जाती हैं पत्नी सिवाकामू ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी लेकिन यह तेलुगु भाषा अच्छी तरह से जानती थी उसके बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 1908 में एक पुत्री का जन्म हुआ था और उनकी पत्नी की मृत्यु 1956 में हुई थी।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा

सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही मेधावी छात्र माने जाते थे सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपनी शिक्षा की शुरुआत क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुर्थन मिशन स्कूल से की थी फिर यह आगे की पढ़ाई करने के लिए 1900 ईस्वी में वेल्लूर चले गए थे वेल्लुर में यह लगभग 1904 तक पढ़े थे सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपनी मैट्रिक को 1902 में पास कर लिया था और इसमें इन्होंने छात्रवृत्ति भी ली थी उसके बाद 1904 ईस्वी में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कला संकाय परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और इतिहास गणित प्रथम मनोविज्ञान विश्व में इनको विशेष योग्यता भी प्राप्त हुई थी और इसके बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर को पूरा कर दिया था।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की राजनीतिक करियर की शुरुआत

पंडित जवाहरलाल नेहरू के माध्यम से ही इन्होंने राजनीति में भाग लेने का निर्णय लिया था सर्वपल्ली राधाकृष्णन जब यूरोप एवं अमेरिका के दौरे पर गए थे तो वहां से जब यह वापस भारत आए थे तो उसके बाद जवाहरलाल नेहरू ने इनसे यह आगरा किया था की राधाकृष्णन एक विशिष्ट राजदूत बनकर सोवियत संघ में मिलकर उनके साथ राजनयिक कार्यों को करें

और उसके बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन को संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य के रूप में चुन लिया गया था और इनको 1947 से लेकर 1949 तक चुना गया था सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही सरल एवं प्रमाणिक व्यवहार वाले व्यक्ति माने जाते थे और इसके बाद सर्वपल्ली राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति बन गए थे और यह देश के उपराष्ट्रपति 1952 से लेकर 1962 तक रहे थे और उसके बाद यह 1962 में भारत के दूसरे निर्वाचित राष्ट्रपति बन गए थे।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्राप्त उपलब्धियां

  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन को आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के रूप में 1931 से 1936 तक चुना गया था।
  • उसके बाद इनको ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रथम अध्यापक के रूप में 1936 से 1952 तक चुना गया था।
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारतीय प्रतिनिधि के रूप में 1946 में यूनेस्को में अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाया था।
  • यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में 1939 से 1948 तक रहे थे।
  • और उसके बाद यह दिल्ली विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में 1953 से 1962 तक रहे थे।

इनके द्वारा लिखित किताबें

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दर्शनशास्त्र के साथ-साथ एक महान लेखक भी माना जाता है और इन्होंने अपने जीवन में लगभग 60 से भी अधिक पुस्तकों को अंग्रेजी भाषा में लिखा था कुछ पुस्तक तो निम्न प्रकार से हैं

  • भारतीय संस्कृति कुछ विचार
  • भारत और विश्व
  • स्वतंत्रता और संस्कृति
  • भारत और चीन
  • गौतम बुद्ध जीवन और दर्शन
  • भारतीय दर्शन 1
  • उपनिषदों का संदेश
  • भारतीय दर्शन 2
  • भारत की अंतरात्मा
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु एक गंभीर बीमारी के कारण 17 अप्रैल 1975 को हुई थी लेकिन आज भी इनको लोग एक महान शिक्षाविद तथा दार्शनिक के रूप में जानते हैं और इन्हीं की याद में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है सर्वपल्ली राधाकृष्णन का एक विचार था की जीवन का सबसे बड़ा उपहार तो उच्च जीवन का सपना ही है

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FAQ :-

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कब हुआ था?

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1881 को तिरूमनी में हुआ था।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम क्या था?

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम विरास्वामी – सीताम्मा था।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु कब मानी जाती हैं?

उनकी मृत्यु 17 अप्रैल 1975 को हुई थी।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में कौन सा दिवस मनाया जाता है?

Sarvpalli Radhakrishnan की याद में 5 september को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंतिम शब्द :-

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